Saturday 22 November 2014

अपने देश की उन लाडली बेटिओं के नाम....
मेरी यह...............................चंद पंक्तियां
तेरे महलों से दूर चली जाऊंगी....... , एक दिन
तेरी यादों को बर्रात साथ ले जाऊंगी.., इक दिन
तेरे प्यार की बरसात के सारे अरमान,
साथ ले जाऊंगी ...इक दिन
सोती हुई की नींद खुल जाएगी तो
तेरी याद बहुत सताएगी, ओ बाबुल..., उस दिन !!
वो तेरा प्यार से लाड़ो कहना
वो लड़कपन की याद तडपायेगी..एक दिन
उन आंसूंओं को समेट के आँचल में
दिखाने जरूर ले आऊँगी ओ बाबुला, मैं ..इक दिन !!
यह रीत किस ने बनाई है विदाई की
वो पालने में खिला के , फिर रुसवाई की
दिल फटने को होता है मेरे बाबुला
जब तुझ से प्यार की यहाँ ,मिलती ठुकराई है..एक दिन !!
अजीत

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