Saturday 15 March 2014

********आज बस आज ******

********आज बस आज ******

आज यह वादा करो
आज यह इरादा करो
आज में ही जीना है
आज में ही मरना है
आज बस आज है
आज के बाद सब बर्बाद है ??
आज को समेट लो
आज हंस लो
आज ही गा लो
आज हम साथं हैं
आज के बाद क्या पता कहाँ हैं ??
आज को वर्तमान कहते हैं
आज के बाद को भविष्य
आज से पहले भूत
आज जो भी है,,बस सब आज है ??
आज अगर खुश हो
आज अगर दुखी हो
आज सच यार आज है
आज ही पाना है
आज ही तो खोना है
आज इसी लिए तो खास है

"अजीत" जी ले आज
कल किसने देखा...सच सब बर्बाद है ??

अजीत तलवार
मेरठ

*****जिन्दगी न मिलेगी दोबारा*****

*****जिन्दगी न मिलेगी दोबारा*****

सब जानते हैं कि
जिन्दगी नहीं मिलेगी
दोबारा
क्यूं न सब हम
हंस बोल के
गुजार ले..

दोस्तों दोस्ती करो
ऐसी जैसी
की थी सुदामा ने
प्रतिज्ञा करो ऐसी
जैसी की थी
भीष्म पिता ने
एक आज्ञा को मानकर
घर छोड़ दिया श्रीराम ने
दुनिया में बस औरत
कोई न हो कैकई जैसी
जिस ने बर्बाद किया
घर के सारे माहोल को !!

माँ बाप की आज्ञा का
पालन करते हुए
जान न्योछावर
कर दी श्रवण कुमार ने
एक नारी ऐसी भी थी
जिस ने लोक लाज
की खातिर पुत्र को
फेंक दिया जल में !!

सबक कुछ तो लो दुनिया वालो
जो हुआ अच्छा, तो अपना लो
बुरा था उसको तो दिमाग से हटा दो
"अजीत" इस संसार को सही तरीके
से बस अब तो चला लो ??

अजीत तलवार
मेरठ

दिल का पार्ट क्या बना दिया ऊपर वाले ने

दिल का पार्ट क्या बना दिया ऊपर वाले ने
शरीर में सुरक्षित जगह छुपा दिल ऊपर वाले
इक झटके में ही टूट जाता है नाजुक सा है न
फिर नहीं संभल पाते हैं, वो संभलने वाले !!

लोग हर बात को दिल पर ले लेते हैं बस
कुछ कहो तो बड़ी जल्दी बुरा मान लेते हैं बस
यही कहने से डर सा लगने लग जाता है,
शीशे से भी नाजुक है, कहीं टूट न जाये बस !!

प्यार करने वाले इस महल में ही रहते हैं
हाँ वो दोनों ही इस घर को संभाले रहते हैं
रिश्ता जब तक प्यार का रहता है, सही है
वासना के आते ही , इस घर से दफा हो जाते हैं !!

सच बड़ा नाजुक है यह दिल, टूटने न देना
प्यार की मंजिल में कभी शक होने न देना
ता उम्र यह जवान रह सकता है मेरे दोस्त
"अजीत" शक को कभी यहाँ घर बनाने न देना !!

अजीत तलवार
मेरठ
तून भी है इंसान, वो महात्मा भी तो इंसान है
गरूर न कर इस दुनिया में, हम सब इंसान हैं
कर्म कर्म का अपना अपना हिसाब है यहाँ
कोई फ़क़ीर है तो कोई बहुत ही धनवान हैं !!

हंसती तो देख चूका हूँ महात्माओं की में
कोई जेल में है तो कोई इस बेदर्द जहान में
कोई पड़ा चक्कर में धन के, कोई यौवन में
गरीब की कुटिया खाली हो गयी तूफ़ान से !!

क्यूं पूजा जाता है आज शैतान इस जहान में
लोगो ने गैर बना दिया भगवान् भी इस जहान में
चमचो ने घर बना लिया मंदिर और दरबार में
ठोकर खा रहा आज सीधा इंसान, इस जहान में !!

पूजा की जा रही, दिखावा बहुत साथ हो रहा
आरती उतार रही नारी , बहुत अन्याय यही हो रहा
नजर बड़ी गन्दी हो गयी , अब तो उस शैतान की
बच कर चल रहा आम इंसान,  बस इस जहान में !!

अजीत तलवार
मेरठ

Thursday 13 March 2014

तेरा सरूर ऐसा की में खो गया

तेरा सरूर ऐसा की में खो गया
मेरा कसूर ऐसा की में खो गया

रखते कदम कान्हा तेरी भूमि पर
में अपना सुध बुध बस खो गया

क्या शान है तेरी इस जहान में
बस इक बार आ जाओ मेरे मकान में 

तेरी मुरली की धून का दीवाना हूँ
बस तेरे प्यार से में बेगाना हूँ

आजाओ आजाओ बस धून सुना जाओ
कर दो बेडा मार बस श्याम तुम आ जाओ

क्या मथुरा में प्यार दोगे, कभी मेरठ भी आ जाओ
तेरे दर्श को प्यासे हैं नैन, इक झलक दिखला जाओ

आजाओ श्याम, इस होली पर आ जाओ तरसे हैं नैना
प्यासे मन को दे जाओ चैना , बस झलक दिखा हो !!

अजीत तलवार
मेरठ

******* श्री कृष्ण मुरारी .*******

******* श्री कृष्ण मुरारी .*******

जब से मैने तेरा नाम लिया
पता नहीं क्यूं..बांसुरी वाले
दुनिया ने मुझे बदनाम किया
या तो में बांवरा हूँ, तेरे नाम का
या दुनिया को नहीं पहचान
रखते ही जुबान पर इक रोटी
का टुकड़ा, जिह्वा पहले बोलती है
बस श्याम, श्याम, श्याम !!

तूम मेरा बनमाली, तू मेरा सहारा
में तो तेरे चरणों का इक दास हूँ
तेरे दीदार को पैदा हुआ तेरी नगरी में
में तो जन्म जन्म से अनजान हूँ
आते हो श्याम , तुम जब रास रचाने
कब आओगे बगिया में भी तुम मोरे
संग संग नाचे गा तोरे मेरा मन मोरा
तेरी मुरली की धून, पर ओ श्याम मोरे
तब दिल की धड़कन पुकारेगी तोरा नाम
बस श्याम, श्याम, श्याम !!

राधा संग आना, संग संग गईया को भी लाना
मोर मुकुट सजाकर , राधा माता को भी लाना
मुरली की धून पर जब नाचेगा सारा जहान
ओ श्याम बिहारी, तब वो समां होगा बड़ा महान
तेरी रस लीला का दीदार पाके, खुश होगा इन्सान
ठुमक ठुमक जब सब नाचेंगे संग तोरे ओ घनशाम
मिलकर सब यही पुकारेंगे मेर वंदावन की श्याम
बस, श्याम , श्याम , श्याम !!

अजीत तलवार
मेरठ

तेज धूप, और तेज बारिश में

तेज धूप, और तेज बारिश में
घूमने का मजा शायद लिया होगा
न बारिश गर्मी लगने देती है, 
न धूप बाहर घूमने देती है !!

हवा भी मस्त होती है,
जब बारिश तेज होती है
तेज धूप में वो हवा भी
शायद हवा हो जाती है !!

सकूं दे जाती है वो बसंत बहार
जब नए नए पते शाख पर आते हैं
जैसे कोमल मन पर एक सुलझे
हुए इंसान के प्रवचन छाते हैं !!

प्रक्रति का यह संचार सुहाना है
जीवन में उमंग का फिर आना है
फिर वो फुहार, और तपिश सूरज की
जीवन को नया गीत फिर सुनाना है !!

चेह्कती चिडिया ची ची कर हैं नभ में
जब मेरी नजर पड़ती हैं उन सब पे
इक सोच सी उठ जाती है रह रह कर मन में
"अजीत" कितना अच्छा होता, तू भी होता इन सब में !!

अजीत तलवार
मेरठ

Saturday 8 March 2014

@@@@ अपनी प्रिय धर्मपत्नी को समर्पित @@@@ आज वीमेन'स डे पर

@@@@ अपनी प्रिय धर्मपत्नी को समर्पित @@@@
आज वीमेन'स डे पर 

अपनी तो आत्मा भी तुम, और परमात्मा भी तुम
मेरे लिए धर्मात्मा भी तुम, मेरी आत्मा भी तुम !!
दुनिया का खजाना तेरे सामने कुछ भी नहीं मेरी जान
तूं है तो मेरे पास सच.. यह सारा का सारा जहान है !!

वो लम्हे, वो वादे निभाए , तुम ने इस जीवन की राह में
तुम से बड़ा दुनिया में कोई भी दोस्त नहीं है इस जहान में 
हर दुःख दर्द में साथ निभाया है, छोड़ अपने घर का प्यार
तू ही हो मेरी मुस्कुराती मुस्कान , मेरे इस जहान मे !!

तुम्हारा अंदाज इस परिवार को बहुत भा गया, मेरी जान
बच्चों का भी प्यार आकर उस में चार चाँद लगा गया
काँटों पर भी चली तुम मेरे साथ, गमो को भी छुपा गयी
कैसे न मानू तुम्हारा यह एहसान , मेरे इस जहान में !!

वो रोजाना का तनहा सफ़र, तुम्हारी यादों के साथ गुजर रहा
तुम्हारा प्यार से यह कहना ,पूछना, दिल को छु गया मेरी जान
जिन्दगी कितने पल की है, न मैं जानता, और न तुम जानती
बस इन पलों को समेट लो, मेरे इस छोटे से जहान में !!

अजीत तलवार
मेरठ

Wednesday 5 March 2014

बाहरी ताकतों को आगाह किया जाये
यह देश कमजोर नहीं, यह बताया जाये
प्यार की भाषा खूब जानता है भारत
उस का गलत फायदा न उठाया जाये !!

यह सब को बताया जाये
यह देश कमजोर नहीं
बस इस का गलत 
फायदा न उठाया जाये !!

क्रांति की भूमि से चल कर आते हैं हम
दुनिया भर को यही समझाते हैं हम
वीरों की भूमि है यह, बुझदिलों की नहीं
बस यही आखरी बार समझाते हैं हम !!

अजीत तलवार
मेरठ

Sunday 2 March 2014

जगत के रखवाले ,मेरे शंकर भोले भाले

@@@@@ जगत के रखवाले ,मेरे शंकर भोले भाले @@@@@

खुशियन जगत को दे देना मेरे भोले भंडारी
दुःख दर्द सब के मिटा देना ओ मेरे भोले भंडारी
उल्टों को सीधे रस्ते पर जल्दी ले आना ओ मेरे भोले भंडारी
फिर से एक बार अपनी नजर का तीर चला देना मेरे भोले भंडारी !!

दुनिया ने तेरा मजाक बना रखा है
तेरी दी प्रक्रति का सर्वनाश कर रखा है
दिल में भरा है मैल इतना की हर साल
गंगा जी में जाकर उस में डूबा रखा है !!

तुझ को अँधा जानकर तेरे सामने खेल कर रहे
अपने दंगल से वातावरण को सेल कर रहे
एक अपनी ख़ुशी की खातिर ओ मेरे केदारनाथ
तेरे पवित्र स्थान को अपनी गंदगी से हैं भर रहे !!

शायद वो भूल गए की तेरी लाठी में कितना दम है
उनको दिखावा करने को बस सूझता बम बम है
जो व्याकुल हैं तेरे प्यार में हर दम सच वो बम बम है
बस एक बार दर्शन दे के, कर दे सब की जुबान को बंद !!

बोल बम बम बम

जय शिव शंकर
अजीत तलवार
मेरठ

मेरी भी सुन ओ शंकर लाल


@@@@@ मेरी भी सुन ओ शंकर लाल @@@@@@

चल जल्दी चल, भोले के द्वार
आज वहां पर बड़ी है छाई बहार
दूर से वो भी घर से निकला आज
जो कभी भी नहीं आया तेरे द्वार !!

शिवलिंग पर जल चढाने को
तड़प रहा आज सारा संसार
झट से स्वीकार करो मेरा जल
में उठा लाया सारा हरिद्वार !!

देखो बाबा में बेर लाया तेरे लिए
बेल पत्र क्या सारा पेड़ लाया तेरे लिए
आज तिलक करून, तुझे मेवा खिलाऊ
बस अब तू कर दे मेरा बेडा पार !!

परवाह नहीं की अपने पैर तोड़ लिए
तुझ से मिलने को घर बाहर छोड़ दिए
तेरी प्यास तो शाम तक बुझ जाएगी
बस मेरी भी बुझा दे तू इस बार !!

घर में इक बहु की कमी है, भाभी को दे दे लाल
माँ की भी बाबा पूरी कर दे तू बची खुची आस
घर मेरा खुशियन से भर जाये, धन हो मेरा अपार
यही इक आस बाकि है, मान जा न ओ शंकर लाल !!

जय शिव शंभू

अजीत तलवार
मेरठ

RETURN GIFT BY BHOLENATH JI MAHARAAJ KA



कल सब ने मिल कर भोले बाबा
को इतना नेहला दिया
की वापसी गिफ्ट के रूप में
सारा जहाँ उस ने नेहला दिया

उस के मान जाओ, सर्दी लग रही है
सारे भगत बोले आप को सर्दी के पड़ी है
थारे बीयाह में इतना मजा आ रिहा है
की मारा मन मोर की ताहीं नाचन डेया है !!

बाबा ने सोचेया इब न माने यो
कल कर दूंगा अपना हिसाब बराबर यों
आज इतना बरसाया की सांस नहीं ली
बाबा ने तो आज, सब की चोखी खबर ली !!

भाई नाराज न होना, कल का गिफ्ट
आज आपके शेहर में पहुँच गयो है बाबा का
खूब नहाओ, बना तो गया अपनी पार्वती
के धोरे, कल वाला जश्न मनाने को !!

जय शिव शंभू
अजीत तलवार
मेरठ

@@@@@@@@@ पंजाब मेरा @@@@@@@@@

@@@@@@@@@ पंजाब मेरा @@@@@@@@@

मेरा पंजाब किसी से कम नहीं
इसी लिए मुझे किसी का गम नहीं
एक बार जिस ने इस धरती को चूमा 
फिर उस को आता कहीं चैन नहीं !!

इंसान नहीं इंसानियत बसती है यहाँ
हैवानियत नहीं, बस इंसानियत रहती है वहां
लोगो की दिलो में मैल नहीं, किसी से बैर नहीं
यहाँ रहकर, इसी लिए आता चैन नहीं !!

क्या सेवा भावना बसती हैं यहाँ के लोगो में
आदर सत्कार की नदिया सदा बहती हैं लोगो में
नानक, तेग बहादुर, भगत सिंह की यह धरती है
बस रह रह कर याद आती है, मेरे पंजाब की !!

लंगर, छबील, खेतो की हरियाली मन को भाती है
सदा दरियाओं की कल कल मन को भाती है
आपसी प्रेम , समर्पण, देखना हो तो आ जाओ पंजाब
क्यों की गुरुओ की धरती, हर दम प्रेम बरसाती है !!

माताओं का जिगर देखो, भेज कर अपने लाल देश सेवा में
कभी गम को अपने दिल के साथ नहीं लगाती है
एक न्योछावर हो गया तो क्या, दूजा भेज दूँगी
भारत माता, पंजाब के पुत्रो को हर पल यहाँ बुलाती है !!

जय हो,,मेरा प्रेम पंजाब..,

अजीत तलवार
मेरठ

पंजाब मेरा ----पार्ट 2

@@@@@@@@@ पंजाब मेरा @@@@@@@@
@@@@@@@@@ पार्ट 2 @@@@@@@@@

मेरा पंजाब किसी से कम नहीं
इसी लिए मुझे किसी का गम नहीं
एक बार जिस ने इस धरती को चूमा 
फिर उस को आता कहीं चैन नहीं !!

भांगड़ा, गिद्दे ने मचा के रख दी धूम
सारी दुनिया नाच रही मच गयी यारो धूम
आज हर शादी बयाह में हो रहा धूम धडाका
तभी तो हर फंक्शन में पंजाब है मन को भाता !!

दिल रखते हैं, दिल से बात करते हैं,तभी तो प्रेम करते हैं
इस लिए यारो हम आप सब को दिल में संजो के रखते हें
क्या कोई है दुनिया में ऐसा प्यारा प्रदेश यारो
जहाँ पर हम पंजाब के दिल वाले लोग नहीं बसते हैं !!

मेरा कहना मानो, एक बार मेरे पंजाब को जरूर जानो
दुनिया की प्रेम की तस्वीर वहीँ पर जा के बदल जाएगी
जहाँ जहाँ भी आग लगी है , दिलो में मेल भरा है
वहां जाकर मेरे कहना है"अजेत" आदत जरूर सुधर जाएगी !!

जय हो,,मेरा प्रेम पंजाब..,

अजीत तलवार
मेरठ

पंजाब मेरा ---- पार्ट 3

@@@@@@@@@ पंजाब मेरा @@@@@@@@
@@@@@@@@@ पार्ट 3 @@@@@@@@@

मेरा पंजाब किसी से कम नहीं
इसी लिए मुझे किसी का गम नहीं
एक बार जिस ने इस धरती को चूमा 
फिर मुझ को आता कहीं चैन नहीं !!

मर जायेंगे, मिट जायेंगे, वतन की खातिर
नाम अमर कर जायेंगे हम पंजाब की खातिर
नक्शे में अमर नाम होगा इस धरती का
आंतकवाद का सर जाने से पहले कलम कर जायेंगे !!

वीरो ने बलिदान देख , देश प्रेम का पाठ पढाया
पर चंद सिक्को की खातिर, आज नेताओं ने लूटाया
वीरों की धरती पर नाज आज भी है, बलिदान की
वो गाथा, का गुणगान तो यहाँ पर आज भी है !!

अपने प्राणों की रक्षा से ज्यादा , अपने साथियो की करते हैं
कोई करना चाहे बुरा , उस का सर धड से अलग भी करते हैं
प्रेम का पाठ पढ़ाया था, गुरुओं ने हम सब को यही सिखया था
अपनी बहनों और माताओं की खातिर, भगत सूली जा चढ़ सुलाया था !!

जय हो,,मेरा प्रेम पंजाब..,

अजीत तलवार
मेरठ