लोग परेशानियो में अपनी जन्म कुंडली
पर कुछ ज्यादा गौर फरमाते हैं
जैसा ब्राह्मण कह देते हैं उनको
वो वैसा ही कर जाते हैं
न जाने कहाँ गम सी हो जाती
है उस वक्त तकदीर सब कि
जिस को खोजने के लिए
ज्योतिष विद्या खोज के लाती है
न जाने कौन सच्चा होता है
तकदीर या वक्त का अंदाज
इस सोच में ही कहीं न
कहीं अपनी तस्वीर ही खो जाती है !!
पर कुछ ज्यादा गौर फरमाते हैं
जैसा ब्राह्मण कह देते हैं उनको
वो वैसा ही कर जाते हैं
न जाने कहाँ गम सी हो जाती
है उस वक्त तकदीर सब कि
जिस को खोजने के लिए
ज्योतिष विद्या खोज के लाती है
न जाने कौन सच्चा होता है
तकदीर या वक्त का अंदाज
इस सोच में ही कहीं न
कहीं अपनी तस्वीर ही खो जाती है !!
अजीत तलवार