सुन्दरता का होना आजकल कितना भयानक है
दुनिया खिंची चली आती है चुम्बक की तरह
न तो कुछ सोचती है, न ही कुछ समझती है
इक मृगनयनी के पीछे कितनी दुश्वार है दुनिया !!
दुनिया खिंची चली आती है चुम्बक की तरह
न तो कुछ सोचती है, न ही कुछ समझती है
इक मृगनयनी के पीछे कितनी दुश्वार है दुनिया !!
होश में नहीं बेहोशी में आगे को बढती है दुनिया
सामने से चाहे गुजर जाये परिवार का कितनी मदहोश है दुनिया
न रखती है अब लाज किसी बात की न खोफ्फ़ रखती है
आने वाले समय में यह हो जायेगी सारी वीरान यह दुनिया !!
सामने से चाहे गुजर जाये परिवार का कितनी मदहोश है दुनिया
न रखती है अब लाज किसी बात की न खोफ्फ़ रखती है
आने वाले समय में यह हो जायेगी सारी वीरान यह दुनिया !!
सच को जानती नहीं, झूठ का साथ बढाती है दुनिया
उस के देखे नयन नुकीले, तो कितना सीना तानती है दुनिया
किसी और के घर की अमानत को अपना बनाने को
न जाने कितने कितने भ्रम अपने मन में पालती है दुनिया !!
उस के देखे नयन नुकीले, तो कितना सीना तानती है दुनिया
किसी और के घर की अमानत को अपना बनाने को
न जाने कितने कितने भ्रम अपने मन में पालती है दुनिया !!
अजीत
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